Maukhik kavita ka janm kab hua tha :- नमस्कार दोस्तों आशा करता हूं आप बिल्कुल ठीक होंगे आपका हार्दिक स्वागत है हमारे इस लेख में आज के इस लेख के मदद से हम मौखिक कविता के जन्म कब हुआ था के बारे में जानने वाले है।
यह सवाल अक्सर हिंदी ग्रामर के परीक्षा में पूछा जाता है और ढेर सारे लोगों को इसका जवाब नहीं मालूम रहता है। इसीलिए हमने इस लेख को लिखा है और इस लेख के द्वारा मौखिक कविता से जुड़ी जानकारी आप सभी लोगों को प्रदान की है।
अगर आप सच में मौके कविता के बारे में जानकारी प्राप्त करने वाले हैं तो आप हमारे इस लेख को ध्यान से पूरे अंत तक पढ़े तभी आप को हमारा यह लेख अच्छे से समझ में आएगा तो चलिए शुरू करते हैं इस लेख को बिना देरी किए हुवे।
मौखिक कविता का जन्म कब हुआ ?
मौखिक कविता का जन्म कब हुआ था ?
मौखिक कविता का जन्म 1960 के दशक में हुवा था । पहला मौखिक कविता “द लास्ट पोएट्स” के साथ हुआ था ।
दोस्तों क्या आपको मालूम है कि “द लास्ट पोएट्स ग्रुप” The Last Poets Group का जन्म अफ्रीकी अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के बीच मे हुआ था। इस संस्था के लोगों ने इस संस्था के सहायता से राजनीतिक के महत्वपूर्ण महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा दिया और अपनी निराशा पूरी तरह से लोगो के बीच व्यक्त की।
हम आपके जानकारी के लिए बता दे कि बीट कविता आंदोलन में एलन गिन्सबर्ग, नील कैसिडी, जैक केराओक, इत्यादि जैसे कुछ प्रमुख कवि हैं।
The last poets संगीतकारों और कवियों के कई सारे समूह हैं जो तकरीबन वर्ष 1960 के दशक के लास्ट में अफ्रीकी-अमेरिकी नागरिक अधिकार आंदोलन के काले राष्ट्रवाद से धीरे धीरे पैदा हुए थे।
दोस्तों आमतौर पर यह नाम दक्षिण अफ़्रीकी के एक प्रसिद्ध क्रांति कारी कवि केओरापेट्स कोगोसिटाइल की एक कविता के बीच से लिया गया है, इन का मानना था कि बंदूकें लेने से पहले वह कविता के अंतिम युग में थे।
दोस्तों उस नाम के मूल और असल उपयोगकर्ता एबियोडुन ओयेवोले, डेविड नेल्सन और गेलन केन की तिकड़ी थे। लिखित कविता और मौखिक कविता में यह अंतर है कि एक लिखित कविता दर्शकों द्वारा उस की स्वर और भावना के अनुसार पढ़ी जाती है,
और उसी तरफ मौखिक कविता कवि द्वारा अपनी शैली या पढ़ कर के लय में सुनाई जाती है। मौखिक कविता व्यक्ति को भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होने की क्षमता देती है तो कुछ इस प्रकार से मौखिक कविता की जन्म हुई था।
मौखिक कविता क्या है ?
मौखिक कविता कविता का एक ऐसा रूप है जो बिना लेखन पद्धति की सहायता के रची और उसे प्रसारित की जाती है । कुछ समाजों और जगहों में मौखिक और लिखित साहित्य के बीच जटिल संबंध इस परिभाषा और अर्थ को बनाए रखने में कठिन बना सकते हैं।
मौखिक कविता में ज्यादा तर लोग मुख यानी कि मुह का उपयोग करते है और स्रोता उनके आवाज को सुन कर के समझ जाते है की सामने वाला ब्यक्ति कहना क्या चाहता है।
दोस्तों क्या आप जानते है कि मौखिक कविता कई प्रकार के कला, गुण, साहित्य में से एक है। इस मे कविता बोलकर, अक्सर एक मोनोलॉग “monologue” के रूप में की जाती है।
और सारे कलाओं की तरह ही, मौखिक कविता में महारत हासिल करने के लिए भी विस्तार और कौशल पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
मौखिक कविता के आधार से कोई भी कवि अपनी कविता के अंशों को पारदर्शी रूप से लोगो को दिखा सकते हैं, और उसे अच्छा से समझा सकते है।